दिन में सस्ती तो रात में महंगी होगी बिजली केंद्र सरकार की न्यू टैरिफ पॉलिसी

प्रस्तावित नई नीति में कई अन्य दूरगामी प्रभाव वाले पहलू शामिल किए गए हैं

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नई दिल्ली. केंद्र की मोदी सरकार ने बिजली क्षेत्र के लिए नई शुल्क नीति का मसौदा तैयार कर लिया है. उम्मीद है कि इसे जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी. 24 घण्टे निर्बाध बिजली मुहैया करवाने के अलावा इस नीति का एक अहम पहलू ये है कि अब उपभोक्ताओं के बीच अंतर वर्गीकरण नहीं बल्कि बिजली की खपत के आधार पर होगा.

2003 के बाद देश के बिजली क्षेत्र में सरकार एक बार फिर आर्थिक सुधार के रास्ते पर है. एक अहम प्रस्ताव बिजली उपभोक्ताओं के वर्गीकरण से जुड़ा हुआ है. अभी तक बिजली की दर इस आधार पर तय होती है कि उपभोक्ता किस श्रेणी में आता है. जैसे एक घरेलू उपभोक्ता और एक औद्योगिक उपभोक्ता के लिए बिजली की दर अलग-अलद होगी चाहे दोनों का लोड और बिजली की खपत जितनी भी है, लेकिन नई नीति में इसमें बदलाव किया गया है. अब बिजली की दर इस आधार पर निर्धारित की जाएगी कि उपभोक्ता कितनी बिजली की खपत कर रहा है.

प्रस्तावित नई नीति में कई अन्य दूरगामी प्रभाव वाले पहलू शामिल किए गए हैं. नई नीति में ग्राहकों को 24 घंटे की निर्बाध बिजली की आपूर्ति के साथ-साथ बिजली वितरण कंपनियों द्वारा ग्राहकों को गुणवत्ता सेवाएं प्रदान करना सुनिश्चित करने की योजना है. नई नीति में इस बात का इंतजाम किया गया है कि अगर प्राकृतिक कारणों या किसी तकनीकी वजह के अलावा लोड शैडिंग होता है और बिजली जाती है तो बिजली वितरण कंपनियों को इसका हर्जाना भरना पड़ेगा. इतना ही नहीं कंपनियों को हर्जाना सीधे ग्राहकों के खातों में भेजना पड़ेगा.

3 साल के अंदर लगेंगे प्री-पेड मीटर

तीन साल के भीतर देश भर के ग्राहकों के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दिया जाएगा. प्रीपेड मीटर प्रीपेड मोबाइल की तरह काम करेगा. मतलब जितना पैसा उसमें भरवाएंगे बिजली उतने दिन मिलती रहेगी. स्मार्ट मीटर से ग्राहकों को पता चलता रहेगा कि अभी मीटर में कितना पैसा बचा है.

इसके अलावा ऐसी भी व्यवस्था होगी कि अगर कोई ट्रांसफार्मर या मीटर खराब होता है तो शिकायत मिलने के बाद उसे तय समयसीमा में ठीक किया जाए वरना जुर्माना लगेगा. हालांकि इसमें एक बदलाव ऐसा किया गया है जिससे उपभोक्ताओं की जेब थोड़ी हल्की हो सकती है.

इसकी वजह है वह प्रस्ताव जिसमें दिन और रात में बिजली की दर में फर्क होगा. दिन में जहां ग्राहकों को काफी सस्ती बिजली मिलेगी वही रात में थोड़ी महंगी बिजली मिलेगी. इसका मतलब यह हुआ कि अगर एक ग्राहक दिन और रात दोनों में एक समान बिजली का उपयोग करता है तो उसका बिजली बिल दिन और रात में अलग अलग आएगा. सरकार की योजना है कि दिन में सभी राज्यों के वितरण कंपनियों को सौर ऊर्जा से पैदा हुई बिजली मुहैया कराई जाए जो काफी सस्ती होती हैं. नीति के मुताबिक राज्य बिजली वितरण कंपनियों को सौर ऊर्जा से पैदा हुई बिजली खरीदना अनिवार्य होगा.

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