एमपी के शराब ठेकेदारों को हाईकोर्ट से मिली अंतरिम राहत, कार्यवाही पर लगाई रोक

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जबलपुर. मध्य प्रदेश सरकार व शराब ठेकेदारों के बीच चल रहे विवाद पर आज बुधवार 27 मई को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की मुख्य पीठ जबलपुर ने शराब ठेकेदारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम राहत प्रदान करते हुए निर्देशित किया है कि आबकारी विभाग ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करे. मामले की अगली सुनवाई 2 जून को होगी.

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने प्रदेश के शराब व्यवसायियों को अंतरिम राहत देते हुए सरकार को निर्देशित किया है कि उन्होंने अगली पॉलिसी क्या बनाई है इस बारे में शपथ पत्र के साथ जानकारी प्रस्तुत की जाए तब तक के लिए हाईकोर्ट ने शराब ठेकेदारों के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से अंतरिम रोक लगा दी लिहाजा शराब ठेकेदार दुकान खोलने या ना खोलें सरकार उन पर कार्यवाही नहीं कर सकती हाईकोर्ट में ऑनलाइन सुनवाई के बाद मामले की अगली सुनवाई 2 जून निर्धारित की गई है.

यह है विवाद

कोविड-19 के चलते शराब दुकान 1 अप्रैल से नहीं खुल सकी थी, बाद में 6 मई से सरकार ने दुकानें खोलने के लिए कहा, उसमें भी कई शर्ते लगाई गई, जहां तक जबलपुर का मामला है वह जबलपुर में सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों को दुकान खोलने की अनुमति दी गई, जबकि जिस ग्रुप ने टेंडर लिया था, उसके ग्रुप में शहर व ग्रामीण दुकान में शामिल है कमोवेश यही स्थिति मध्य प्रदेश की शराब दुकानों की रही है. सरकार ने रेड जोन में दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी साथ ही दुकानों के साथ चलने वाले आहातो पर भी रोक लगा दी इससे ठेकेदारों ने 25 फ़ीसदी रेवेन्यू कम करने की मांग सरकार से रखी  लेकिन सरकार ने  उनकी मांग नहीं मानी इसलिए पिछले 2 दिनों से प्रदेशभर की शराब दुकान बंद हो गई.

हाईकोर्ट ने यह कहा

शराब ठेकेदारों द्वारा दाखिल की की गई याचिका पर बुधवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश श्री ए के मित्तल व न्यायाधीश श्री विजय शुक्ला की युगल खंडपीठ में ऑनलाइन सुनवाई हुई याचिकाकर्ताओं की ओर से मनीष रोहतगी, नमन नागरथ व अन्य ने पक्ष रखा. याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया कि 1 अप्रैल से शराब के ठेके शुरू होनी थी, लेकिन कोविड-19 के चलते यह ठेके प्रारंभ नहीं हो सके. बाद में सरकार ने 5 मई को आदेश किया और 6 मई से प्रदेश के रेड जोन छोड़कर बाकी इलाकों में शराब की दुकान खोली थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने टिप्पणी की कि राजस्व भी जरूरी है, लेकिन ठेकेदारों का हित भी आवश्यक है.

कोर्ट ने अगली सुनवाई में शपथ पत्र के साथ  पूरी जानकारी पेश करने के निर्देश राज्य सरकार को दिए तब तक के लिए शराब ठेकेदारों को राहत दी जाए और कोर्ट ने आबकारी विभाग को निर्देशित किया है कि अगली सुनवाई तक शराब ठेकेदारों के खिलाफ कोई भी कार्रवाई ना की जाए कोर्ट ने आबकारी विभाग से कहा- शराब ठेकेदारों के हितों का ख्याल रखते हुए निर्णय. लिया जाए मामले की अगली सुनवाई 2 जून को निर्धारित की गई है. 

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