लखनऊ के लोकबंधु अस्पताल में काढ़ा पिलाकर ठीक किए गए 25 मरीज

मरीजों को सिर्फ जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा दिया गया, कोई दवा नहीं दी गई

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ayurvedic kadha

यूं तो देश में कई जगह आयुर्वेद से कोरोना संक्रमितों (Corona Virus in India) के इलाज का प्रयोग चल रहा है, लेकिन लखनऊ शहर के लोकबंधु अस्पताल में यह प्रयोग सफल साबित हुआ है। यहां 25 मरीजों को सिर्फ जड़ी-बूटियों से बना काढ़ा पिलाकर ठीक कर दिया गया है। इन्हें काढ़े के अलावा और कोई दवा नहीं दी गई।

लोकबंधु अस्पताल में आयुर्वेद के पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ आदिल रईस ने बताया कि अस्पताल में पिछले एक महीने से यह प्रयोग चल रहा है। इसके लिए गिलोय, सोंठ, अदरक सहित कई जड़ी-बूटियों से काढ़ा बनाया गया है। मरीजों को सुबह और शाम 50-50 एमएल काढ़ा दिया गया। इसके साथ पांच दिन बाद मरीज की दोबारा कोरोना जांच करवाई गई। इसमें यह सामने आया कि ज्यादातर मरीज पहली ही जांच में संक्रमणमुक्त पाए गए। ऐसे हर मरीज को औसतन सात दिन में डिस्चार्ज कर दिया गया। उन्होंने बताया कि इस काढ़े के रिसर्च पेपर के लिए डेटा तैयार किया जा रहा है। इसमें बताया जाएगा कि हमने किन-किन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल किया।

डॉ. आदिल ने बताया कि आयुर्वेद में सांस की बीमारियों के लिए कई जड़ी बूटियां बताई गई हैं। काढ़ा बनाने के लिए ऐसी कई जड़ी बूटियां चुनी गईं। इसके अलावा आयुर्वेद में कहा गया है कि ज्यादातर बीमारियां पेट के कारण होती है। इस कारण पेट की बीमारियों में इस्तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियां भी इसमें मिलाई गईं। इसके साथ मरीजों को सिर्फ आसानी से पचने वाला भोजन और पीने के लिए गर्म पानी दिया जा रहा है।

लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि आयुर्वेद से कोरोना के इलाज के लिए दो ग्रुप में स्टडी की जा रही है। एक ग्रुप में मरीजों को काढ़ा दिया जा रहा है तो दूसरे ग्रुप के मरीजों को अदरक, लहसुन और सोंठ दी जा रही है। साढ़ामऊ अस्पताल में भर्ती मरीजों को ऐसा कुछ नहीं खिलाया जा रहा। ऐसे में दोनों अस्पतालों की तुलनात्मक रिपोर्ट भी बनाई जाएगी।

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