भोपाल.
सीआईडी एडीजी कैलाश मकवाणा ने प्रदेश के सभी एसपी और डीआईजी को एक गोपनीय पत्र भेज अलर्ट किया है. मकवाणा ने कहा कि विगत दो माह से पुलिस अधिकारी और कर्मचारी कोविड-19 महामारी समस्या नियंत्रण और लॉकडाउन पालन में जुटे हुए थे. इस कारण पुलिस के व्यावसायिक कार्य पूर्णत: प्रभावित रहे.
कोरोना संक्रमण से लॉकडाउन खुलने के बाद मध्य प्रदेश में क्राइम बढ़ सकते हैं, जिससे पुलिस प्रशासन की चिंताएं बढ़ गई हैं. चिंतित अपराध अन्वेषण ब्यूरो (सीआइडी) मुख्यालय ने सभी एसपी और डीआईजी को पत्र लिखकर चेतावनी जारी की है. सीआइडी को आशंका है कि महामारी के कारण बेरोजगारी बढ़ेगी और लूट-डकैती, चोरी जैसे अपराधों पर नियंत्रण मुश्किल हो जाएगा.
बेरोजगारी बढ़ी, इसलिए बढ़ेंगी लूट-डकैती
महामारी के कारण कई लोगों के रोजगार खत्म हो गए. ऐसे में बेरोजगारी के कारण निकट भविष्य में संपत्ति संबंधी अपराध जैसे लूट, गृहभेदन, चेन लूट, मोबाइल लूट, एटीएम में चोरी, डकैती जैसे अपराध बढ़ सकते हैं. एसपी सभी इकाइयों को मूल कार्य में लगा देवें. एडीजी ने यह भी कहा कि कोरोना के कारण पैरोल पर छूटे अपराधियों से ज्यादा खतरा है. उनके पुन: सक्रिय होने की आशंका है. संबंधित थाने उनकी नियमित निगरानी करें और संलिप्तता की पुष्टि कर पैरोल निरस्त करवा दें.
बाहरी इलाके और घाट क्षेत्र में ज्यादा खतरा
सीआईडी एडीजी ने रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया है कि शहर के बाहरी इलाकों में रहने वाले लोगों को अधिक खतरा है. घाट क्षेत्र और दुर्गम इलाकों में लूट, डकैती, वाहनों में कटिंग जैसी घटनाएं हो सकती हैं. पुलिस अधिकारी संभावित स्थानों को तत्काल चिन्हित कर रात्रि गश्त और दिन में सघन चेकिंग शुरू करवा दें. ग्राम रक्षा समिति और नसुस सदस्यों से भी सतत पेट्रोलिंग करवाई जाए. उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि कोरोना के कारण जिन स्थानों को चिन्हित किया था उनकी समीक्षा कर कम महत्वपूर्ण स्थानों से बल को निकालकर उन स्थानों पर तैनात कर दें जहां घटना होने की आशंका रहती है.
यह निर्देश भी दिये
- न्यायालय में विचाराधीन हैं तो तत्काल गवाही कर सजा दिलाने का प्रयास करें.
- पैरोल पर छूटे बदमाशों की संलिप्तता देख पैरोल निरस्त करवाया जाए.